tag:blogger.com,1999:blog-8831209107961341463.post234894987682978338..comments2023-07-17T06:10:04.100-07:00Comments on Tisari-Ankh: ऐसे तो हम लड़ाई हार जायेंगेDr. Mohanlal Guptahttp://www.blogger.com/profile/14804752307502533855noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8831209107961341463.post-85491833510419723262010-03-22T22:28:09.992-07:002010-03-22T22:28:09.992-07:00धन्यवाद पाण्डेयजी,
वस्तुत: यह लड़ाई हम सबकी है किं...धन्यवाद पाण्डेयजी,<br />वस्तुत: यह लड़ाई हम सबकी है किंतु यह संसार काम के वशीभूत है इस कारण कुछ लोग असंयमित होकर अमर्यादित आचरण करते हैं। शारीरिक दृष्टि से पुरुष कठोर तथा महिला सुकोमल है। इस कारण अमर्यादित पुरुष सुकोमल चित्त महिलाओं पर मौका देखकर जाल बिछाते हैं। जब तक उस महिला के परिजनों को इस दुष्कृत्य की जानकारी होती है तब तक बहुत कुछ बुरा हो चुका होता है। इसलिये महिलाओं को यह बात बार–बार बतानी आवश्यक है कि वे अपने आप को मानसिक तौर पर भले ही पुरुषों के बराबर समझकर अपना जीवन यापन करें किंतु इस सच्चाई से कभी मुंह न मोड़ें कि शारीरिक दृष्टि से वे पुरुषों से कमजोर हैं और दुष्ट प्रकृति के पुरुष उनकी इस कमजोरी को निशाना बनाकर उनकी हानि कर सकते हैं। जगज्जननी सीताजी भले ही मानसिक, चारित्रिक और अध्यात्मिक दृष्टि से रावण से लाखों गुना अधिक मजबूत होंगी किंतु दुष्ट रावण केवल शारीरिक बल का उपयोग करके उनको उठाकर ले गया। आवश्यकता इस बात की है कि सीताएं रावण के हाथों में पड़ने से बचें न कि रामजी की बराबरी का दावा करने के लिये समाज के भीतर निरर्थक संघर्ष को जन्म दें। <br />इससे सीताजी और रामजी दोनों ही कमजोर हो जायेंगे। फलत: दुष्ट रावण की जीत हो जायेगी। यदि रावण को सदैव के लिये बैकफुट पर रखना है तो नितांत आवश्यक है कि रामजी और सीताजी दोनों एक दूसरे से प्रेम करें, दोनों एक दूसरे के लिये समर्पित रहें और वस्तुत: दोनों अलग शरीरों में निवास करते हुए भी एक आत्मा बन कर रहें। – डॉ. मोहनलाल गुप्ताDr. Mohanlal Guptahttps://www.blogger.com/profile/14804752307502533855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8831209107961341463.post-79660129807948587102010-03-22T07:44:19.417-07:002010-03-22T07:44:19.417-07:00पुरुष और नारी दोनों को एक साथ कुकृत्य के खिलाफ सा...पुरुष और नारी दोनों को एक साथ कुकृत्य के खिलाफ सामने आना है. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .श्रेष्ठ आलेख .<br /><br />विकास पाण्डेय <br /><br />www.vicharokadarpan.blogspot.comUnknownhttps://www.blogger.com/profile/06516338373384117812noreply@blogger.com